The 2-Minute Rule for hindi poetry

माँग माँगकर भ्रमरों के दल रस की मदिरा पीते हैं,

हिम श्रेणी अंगूर लता-सी फैली, हिम जल है हाला,

चित्रपटी पर नाच रही है एक मनोहर मधुशाला।।४२।

जलतरंग बजता, जब चुंबन करता प्याले को प्याला,

सुरा-सुप्त होते मद-लोभी जागृत रहती मधुशाला।।३७।

बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला!।५०।

बनें रहें ये पीने वाले, बनी रहे यह मधुशाला।।२८।

though classical Hindi poetry carries on to encourage, the realm check here of love poems has also advanced Along with the altering moments. modern day Hindi poets, like Gulzar and Javed Akhtar, have produced a unique House for them selves with their modern expressions of love.

यहां पुरुषों में नारायण,नारी में भवानी है

कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर

बार बार मैंने आगे बढ़ आज नहीं माँगी हाला,

आज फिर मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार बार 

हम आशा करते हैं कि उपरोक्त कविताएँ आपको स्वतंत्रता दिवस के बारे में विचार और जानकारी में मदद करेंगे। इन्हें संदर्भ के रूप में उपयोग करें और स्वयं भी कविता बनाएं। कविता लेखन छात्रों कृत्रिम लेखन कौशल में सुधार करने में मदद करता है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ!

आएँ वो शौक़-ए-शहादत जिन के जिन के दिल में है 

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “The 2-Minute Rule for hindi poetry”

Leave a Reply

Gravatar